surah baqarah last 2 ayat : As-salamu alaykum भाइयों और बहनों उम्मीद करता हूंँ आप सब खैरियत से होंगे, आज हम इस blog पोस्ट में surah baqarah last 2 ayat 285 और 286 ये आयते तीसरे पारे में है इन आयतोका हिंदी में तर्जुमा देखेंगे।
surah baqarah last 2 ayat in Hindi
ءَامَنَ الرَّسُوْلُ بِمَآ أُنْزِلَ إِلَيْهِ مِنْ رَّبِّهٖ وَالْمُؤْمِنُوْنَ ۚ كُلٌّ ءَامَنَ بِاللّٰهِ وَمَلٰٓئِكَتِهٖ وَكُتُبِهٖ وَرُسُلِهٖ لَا نُفَرِّقُ بَيْنَ أَحَدٍ مِّنْ رُّسُلِهٖ ۚ وَقَالُوْا سَمِعْنَا وَأَطَعْنَا ۖ غُفْرَانَكَ رَبَّنَا وَإِلَيْكَ الْمَصِيْرُ
आमनर-रसूलु बिमा उनजिला इलैहि मिर-रब्बिही वल-मुअ्मिनून, कुल्लुन आमना बिल्लाहि व मलाइकतिही व कुतुबिही व रुसुलिही ला नुफर्रिकु बैना अहदिम-मिर-रुसुलिह, व कालू समिअ्ना व अताअ्ना गुफरानका रब्बना व इलैकल-मसीर।
हिंदी:-
रसूल उसपर ईमान लाए जो कुछ उनके रब की ओर से उनपर नाजिल हुआ और ईमान वाले भी, प्रत्येक(सब), अल्लाह पर, उसके फ़रिश्तों पर, उसकी किताबों पर और उसके रसूलों पर ईमान लाए। (और उनका कहना यह है,) ‘हम उसके रसूलों में फर्क नहीं करते।’ और उनका कहना है, ‘हमने सुना और इताअत की। हमारे रब! हम तेरी क्षमा(माफी) चाहते है और तेरी ही ओर लौटकर जाना है। [285]
अरबी:-
ला युकल्लिफुल्लाहु नफ्सन इल्ला वुस्अहा, लहा मा कसबत व अलैहा मक-तसबत, रब्बना ला तुआखिजना इन-नसीना औ अख-तअ्ना, रब्बना वला तहमिल अलैना इसरन कमा हमल-तहु अलल-लजिना मिन कबलिना, रब्बना वला तुहम्मिलना मा ला ताकता लना बिह, वअ्फु अन्ना, वग-फिरलना, वर-हमना, अन्ता मौलाना फन-सुरना अलल कौमिल काफिरीन।
हिंदी:-
अल्लाह किसी को भी उसकी ताकत से ज्यादा का जिम्मेदार नहीं बनाता। उसका ही है जो उसने कमाया है और उसी पर उसका वबाल(आपदा) भी है जो उसने किया। ‘हमारे रब! हमसे कोई भूल हो गई हो तो हमें न पकड़ना। ये अल्लाह हम पर ऐसा बोझ न डाल जैसा की तूने हमसे पहले लोगों पर डाला था। ये अल्लाह और हमसे ऐसा कोई बोझ न उठवा, जिसको उठाने की हमारी ताकत नहीं। ये अल्लाह हमें माफ फरमा और हमारी गलतियों को भी माफ़ फरमा, और हमपर रहम कर। तू ही हमारा मददगार है, इसलिए इनकार(कुफ्र) करनेवालों के मुक़ाबले में हमें फतेह दे।
surah baqarah last 2 ayat की फज़ीलत
1. हदीस
अरबी:-
قَالَ رَسُولُ اللَّهِ صلى الله عليه وسلم
“مَنْ قَرَأَ الآيَتَيْنِ مِنْ آخِرِ سُورَةِ الْبَقَرَةِ فِي لَيْلَةٍ كَفَتَاهُ
हिंदी:-
रसूल अल्लाह सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम ने फरमाया:-
“जो शख्स surah baqarah last 2 ayat को रात में पढ़ता है वह उसके लिए काफी हैंं।”
सहीह बुखारी 4008 अबुु दावूद 1397
ओर भी ऐसी कई सहीह हदीसे हैं जिसमें इस बात का जिक्र है। surah baqarah last 2 ayat
surah baqarah last 2 ayat
2. हदीस
अरबी:-
हिंदी:-
इसे अब्दुल्लाह ने बयान किया:
जब अल्लाह के रसूल(ﷺ) को रात के सफर में ले जाया गया, वह सिद्रतुल मुंतहा(आखरी बेर का पेड़) पर पहुंचे जो छठे आसमान पर था, यही वह जगह है जहां सब कुछ नीचे(जमीन) से ऊपर(आसमान) तक आता है उसका अंत(आखिर) है और यही वह जगह है कि जो भी इसके ऊपर से आता है वह यहीं से ले जाया जाता है। और अल्लाह कहते हैं,”जब छा रहा है सिद्र(बेर) पर जो छा रहा है”【53:16】
उन्होंने कहा,”वह सोने की तितलियां हैंं” और मुझे तीन चीजें दी गई है,”रोजाना की पांच नमाज़े(प्रार्थना), सूरह बकरा की आखिरी आयतें, और जो कोई भी मेरी उम्मत (राष्ट्र) में से इस हाल में मरेगा कि वह अल्लाह(ईश्वर) के सिवा किसी ओर की इबादत(पूजा) ना करता हो अल्लाह (ईश्वर) उसके सारे गुनाहों(पापों) को माफ कर देंगे चाहे वह इतने बुरे गुनाह(पाप) भी क्यों ना हो जो उसे जहन्नुम(नर्क) की और ले जाते हो।”
सुनन अन-नसाई 451
ओर भी ऐसी कई सहीह हदीसे हैं जिसमें इस बात का जिक्र है।
अल्लाह सब कुछ जानने वाला है,और अल्लाह से यही दुवा है कि अल्लाह हम सब को हमें हिदायत दे। आमीन.
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