subah uthne ki dua : As-salamu alaykum सुबह का समय हर इंसान के लिए अहम होता है क्युकी अल्लाह पाक हर इन्सान को सुबह मौत के बाद दोबारा ज़िंदा करते है। क्युकी मौत नींद के बहेन है। इसलिए सुबह उठतेही हमें अल्लाह पाक शुक्र अदा करना चाइये।
subah uthne ki dua का तर्जुमा
तमाम तारीफे अल्लाह पाक के लिए है जिसने मुझे मौत देकर फिर ज़िंदा किया और उसी के तरफ़ हमें लौटना है।
subah uthne ki dua
दुआ जो सुबह उठते समय पढ़ी जाती है, वह है:
“الحمدُ للهِ الَّذِي أَحْيَانَا بَعْدَ مَا أَمَاتَنَا وَإِلَيْهِ النُّشُورُ”
अलहम्दुलिल्लाहिल्लज़ी अह्याना बादा मा अमाताना वइलाईहिननुशूर
(तमाम तारीफे अल्लाह पाक के लिए है जिसने हमें मौत के बाद जिंदा किया और उसी की ओर हमें लौटकर जाना है।)
यह दुआ इस बात का एहसास कराती है कि हमारी जिंदगी का हर पल अल्लाह के मर्ज़ी से है। यह दुआ सुबह उठते ही हमें ज़िन्दगी का महत्व समझाती है.
दुआ का असर: subah uthne ki dua
जब हम इस दुआ को पढ़ते हैं, तो यह हमें यह याद दिलाती है कि हमें अल्लाह ही की तरफ लौटकर जाना है और अल्लाह से हर रोज़ माफ़ी मांगनी चाइये।
इस दुआ के साथ हम अल्लाह का शुक्र अदा करते हैं, जो हमें नई सुबह और एक नई ज़िन्दगी देता है। क्युकी नीन्द मौत की बहन है.। यह हमें हमारी जिंदगी का मकसद याद दिलाती है.
कुछ ओर दुआएं – subah uthne ki dua
सुबह के समय और भी कई दुआएं हैं, जिन्हें पढ़ने से हमारे पुरे दिन में बरकत आती है.
“اللَّهُمَّ إِنِّي أَصْبَحْتُ أُحِبُّكَ وَأُحِبُّ مَن يَحْبُكَ وَأَحْبَبْتُ عِبَادَكَ الصَّالِحِينَ”
(ऐ अल्लाह, मैंने सुबह तुझे चाहने का इरादा किया और तुम्हारे उन बंदों को भी चाहता हूँ जो तुमसे सच्चे दिल से प्रेम करते हैं।)
यह दुआ हमें अल्लाह से प्यार और उसके नेक बंदों से प्यार करने की प्रेरणा देती है। इससे हमारे दिल में नेक कार्यों के प्रति प्रेम बढ़ता है और हम अपने दिन में अच्छाई के काम करने की कोशिश करते हैं।
“اللَّهُمَّ عَافِنِي فِي بَدَنِي، اللَّهُمَّ عَافِنِي فِي سَمْعِي، اللَّهُمَّ عَافِنِي فِي بَصَرِي”
(ऐ अल्लाह, मुझे शारीरिक, मानसिक और दृश्य दृष्टि से पूरी तरह से हिफाज़त फार्मा ।)
यह दुवा हमें यह एहसास दिलाती है कि बिना अच्छे स्वास्थ्य के हम कुछ भी नहीं कर सकते। इसलिए, सुबह उठते समय यह दुआ पढ़कर हम अल्लाह से अपने स्वास्थ्य की सुरक्षा की कामना करते हैं।
“بِسْمِ اللَّهِ الَّذِي لَا يَضُرُّ مَعَ اسْمِهِ شَيْءٌ فِي الْأَرْضِ وَ لَا فِي السَّمَاءِ وَهُوَ السَّمِيعُ الْعَلِيمُ”
(उस अल्लाह के नाम से, जिसके नाम से न तो कोई चीज़ धरती में हानि कर सकती है और न आकाश में, और वह सुनने वाला, जानने वाला है।)
जब हम सुबह उठते हैं और इस दुआ को पढ़ते हैं, तो हम अपने आप को अल्लाह के हिफाज़त में है ये महसूस करते है
आखिरी बात – subah uthne ki dua
islam में सुबह का समय अहम् है, क्योंकि यह एक नए दिन की शुरुआत है। जब हम सुबह उठते हैं और अल्लाह से दुआ करते हैं, तो न केवल हम अपने दिन की शुरुआत को बेहतर बनाते हैं, बल्कि हम अपने जीवन को भी सही दिशा में ले जाने का इरादा करते हैं। islam में हर काम को अल्लाह के नाम से शुरू करना एक अहम आदत है, जिससे हम अल्लाह की रेहमत में रेहते है।
आइए, हम सभी अपनी सुबह को अल्लाह के नाम से शुरू करें।
अल्लाह हमारी मदद करें और हमें सहीराह पर चलने की तौफीक दें।”
As-salamu alaykum
Table of Contents
ओर पढ़े