As-salamu alaykum आज हम बात करेंगे ”iftar ki dua in Hindi” इफ्तार, रमजान के महीने में रोज़े खुलने का समय होता है। रोज़ा मुस्लिमों पर पूरे दिन रखने का हुक्म है, जिसमें सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक खाने-पीने, बुराई से बचने, और नेक काम करने की कोशिश की जाती है। इफ्तार के वक्त जब दिन भर का रोज़ा खुलता है, तो एक खास दुआ पढ़ने का महत्व है।
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iftar ki dua क्या है?
iftar ki dua इस प्रकार है:
”अल्लाहुम्मा इन्नी लाका सुमतु वा बिका अमांतु वा अ’लिका तवक्कलतु वा अ’ला रिज़्किका आफ्तार्तु”
तर्जुमा:
“या अल्लाह! बेशक मैं ने सिर्फ़ तेरे लिए रोज़ा रखा, और सिर्फ ओर सिर्फ तुझ पर ईमान लाया, और सिर्फ तुझ ही पर भरोसा किया, और तेरे ही रिज़्क़ से इफ्तार किया।।”
यह दुआ इफ्तार के समय पढ़ी जाती है, जब इन्सान खाने-पीने का सिलसिला शुरू करता है। इसमें शख्श अपने पुरे यकीन के साथ अल्लाह से अपने रोज़े को स्वीकार करने और जीवन में सफलता की दुआ करता है।
iftar ki dua का महत्व
इस्लाम में इफ्तार के वक्त यह दुआ पढ़ना बेहद जरुरी माना जाता है। यह दुआ केवल रोज़ा के खत्म होने का ऐलान नहीं है, बल्कि यह एक तरीके से पूरे दिन की इबादत, सब्र और अल्लाह पाक पर रखे हुए भरोसे को व्यक्त करती है।
इफ्तार के समय यह दुआ हमारे दिलों को अल्लाह के करीब लाती है, जिससे हमारे दिलोको सुकून मिलता है।
iftar ki dua in English
iftar ki dua का आत्मिक प्रभाव
जब एक इन्सान रोज़ा करता है, तो वह न केवल शारीरिक भूख और प्यास का अनुभव करता है, बल्कि मानसिक और आत्मिक रूप से भी एक प्रक्रिया में भाग लेता है। इफ्तार के समय यह दुआ हमारे दिल को शांति देती है और हमें अल्लाह पाक के साथ अपनी नज़दीकी को महसूस करने का एक मौका मिलता है।
इफ्तार के समय क्या करना चाहिए?
इफ्तार के समय सिर्फ दुआ ही नहीं, बल्कि कुछ विशेष कार्यों का पालन भी किया जाता है:
- खजूर से इफ्तार करना: हदीस में आया है कि नबी (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) खजूर से इफ्तार करते थे। यह एक अच्छी आदत मानी जाती है, क्योंकि खजूर से शरीर को तुरंत ताकत मिलती है। ओर ये सुन्नत भी है।
- पानी पीना: इफ्तार के वक्त हल्के गुनगुने पानी का सेवन करना फायदेमंद होता है। इससे शरीर को ताजगी मिलती है और शारीरिक संतुलन बनाए रखता है।
- दुआ पढ़ना: जैसे ही इफ्तार का समय आता है, सबसे पहले दुआ पढ़ी जाती है। यह दुआ अल्लाह से माफ़ी, मदत और रेहमत की मांग करती है।
- स्वस्थ आहार: इफ्तार के दौरान शरीर को हल्का और पौष्टिक भोजन देने का ध्यान रखना चाहिए, जैसे फल, सलाद, सूप और सादा भोजन। इससे शरीर को ऊर्जा मिलती है, और पाचन में कोई समस्या नहीं होती।
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iftar ki dua
इफ्तार के समय यह दुआ हमारे दिलों को अल्लाह के करीब लाती है, जिससे हमारे दिलोको सुकून मिलता है।
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