इस ब्लॉग में हम Aurat ki namaz ka tarika विस्तार से जानेंगे ।
नमाज इस्लाम के पाँच प्रमुख रुक्नों में से एक है, और यह मुसलमानों पर रोज़ाना 5 वक्त फर्ज है। नमाज का हुक्म अल्लाह पाक की तरफ से है। इंसान को अल्लाह के साथ अपने रिश्ते को मजबूत करना है। नमाज हर मुसलमान के फ़र्ज़ अमल है, और तरीका मरदो की तरह ही हैं, हालांकि कुछ मामूली बाते अलग हो सकती हैं, खासकर हिजाब और ऐसा की कुछ तो आइये देखते है।
Aurat ki namaz ka tarika
नमाज से पहले की शर्ते
नमाज अदा करने से पहले कुछ चीज़ों का ध्यान रखना बेहद ज़रूरी है। सबसे पहले, शरीर और कपड़े दोनों को पाक होना चाहिए। इसके लिए वुजू करना जरूरी है। औरतों के लिए वुजू का तरीका मरदो की तरह ही होता है। अगर आपको वुजू का तरीका नहीं पता तो यहाँ ”वुजू” देख सकते।
- हाथ धोना
- मुँह और नाक को धोना
- चेहरे को धोना
- पाँव धोना
इसके अलावा, आपको ये देखना होगा कि आपका जिस्म का कोई भी हिस्सा खुला न रहे. एक औरत को नमाज के दौरान सिर और शरीर को ढकने के लिए पूरी तरह से हिजाब पहनना चाहिए।
Aurat ki namaz ka tarika ओर समय
नमाज के लिए पहले यह जानना जरूरी है कि नमाज का सही समय क्या है। इस्लाम में पांच तरह की नमाजें हैं – फजर, जोहर, असर, मग़रिब, और ईशा। औरतों के लिए ये सभी नमाजें मर्दो की तरह ही हैं, और इन्हें उसी समय अदा करना होता है।
3. नमाज की जगह
नमाज के लिए एक पाक साफ़ जगह होनी चाहिए। मस्जिद में औरतों के लिए अलग जगह होते हैं, लेकिन अगर घर पर नमाज पढ़ी जा रही हो, तो भी एक पाक साफ़ और सुकून भरी जगह होनी बहोत जरुरी है।
4. Aurat ki namaz ka tarika
औरतों के लिए नमाज का तरीका मर्दो की तरह ही होता है, लेकिन कुछ ध्यान देने वाली बातें होती हैं।
(अ) नीयत
नमाज शुरू करने से पहले दिल में नीयत करनी चाहिए। यह नीयत मन से होती है, जैसे, “मैं अल्लाह की रज़ा के लिए यह नमाज अदा करती हूँ।”
(ब) तकबीर-ए-तहरीमा
नमाज शुरू करते वक्त “अल्लाहु अकबर” कहते हुए हाथों को कंधों तक उठाकर फिर बंद कर लें। यह सभी तरह की नमाज़ अदा करते समय किया जाता है।
(स) क़ियाम
अब आप खड़ी हो जाएं और क़ियाम की में रहें। इस समय आपको सूरह फातिहा और कोई छोटी सूरह पढ़नी होती है। उदाहरण के लिए, “सुरह अल-इखलास” या “सुरह अल-फलक”।
(द) रुकू
इसके बाद, रुकू करते हुए आपके हाथ घुटनों पर रखें और पीठ को सीधा रखें। रुकू में “सुब्हाना रब्बियाल अज़ीम” 3 मर्तबा पढ़े। औरते रुकू में सिर और शरीर का पूरा ध्यान रखें।
(e) सजदा
रुकू के बाद आप सजदा करते हैं। सजदा के दौरान पूरे शरीर को जमीन पर रखें, माथे, नाक, दोनों हाथ, घुटने और पैर के अंगूठे ज़मीन पर होने चाहिए। सजदे में “सुब्हाना रब्बियाल आला” कम से कम 3 मर्तबा पढ़े।
(f) तशहुद
नमाज के बाद की स्थिति में तशहुद होती है, जहाँ आप बैठते हैं और “अतहियातु लिल्लाह” पढ़ते है ओर शहादत देते है की अल्लाह एक है।
(g) सलाम
नमाज के बाद दाएं और फिर बाएं तरफ़ सलाम करने से नमाज मुक्कम्मल होती है। ओर सलाम फेरते वक्त 2 बार ”अस्सलामु अलैकुम वा रहमतुल्लाहि वा बराकतुह” पढ़े।
Table of Contents
5. Aurat ki namaz ka tarika our kuch baate
औरतोंको को नमाज में मर्दो की तरह ही खड़ा होना चाहिए, लेकिन उन्हें कुर्सी पर बैठ कर नमाज पढ़ने की भी अनुमति होती है, खासकर अगर वे गर्भवती हों।
औरतों के लिए नमाज में खास ध्यान देने के मुद्दे:
- सिर और शरीर का पर्दा: नमाज के दौरान सर और शरीर का पर्दा बहोत जरुरी होता है।
- इक्ला (समानता का विचार):औरतोंको को नमाज में वही तरीका अपनाना चाहिए, जैसा मर्द करते हैं, लेकिन हिजाब और आच्छादन की शर्तों का पालन करना अनिवार्य है।
6. नमाज में तात्कालिक समस्याएँ
कभी-कभी औरते अपने कामों की वजसे से नमाज अदा करने में कठिनाई महसूस करती हैं। इस स्थिति में, अल्लाह की रहमत से, आप समय के अनुसार कस्र की प्रक्रिया का पालन कर सकती हैं, यानी एक नमाज का समय दूसरे में मिला सकती हैं।
7. Aurat ki namaz ka tarika : नमाज का महत्व
रोज़ाना नमाज अदा करने से न केवल दुनिया ओर आख़िरत में फायदा होता है, बल्कि नमाज़ से दिल को सुकून मिलता है।
ओर पढ़े