10 muharram ko kya hua tha 10 मुहर्रम को क्या हुआ था

10 muharram ko kya hua tha

मुहर्रम इस्लामिक कैलेंडर का पहला महीना है और इसे चार खास महीनों में से एक माना जाता है। इस महीने की 10वीं तारीख, जिसे यौम-ए-आशूरा के नाम से जाना जाता है, इस्लामी इतिहास में बेहद महत्वपूर्ण है। इस ब्लॉग में 10 muharram ko kya hua tha ये देखेंगे.

मुहर्रम और यौम-ए-आशूरा

मुहर्रम हिजरी साल की शुरुआत का प्रतीक है और इसे अल्लाह के रसूल हजरत मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने पवित्र माना है। यौम-ए-आशूरा, जो 10 मुहर्रम को पड़ता है, इस्लाम में खास अहमियत रखता है। मुसलमान इस दिन रोजा रखकर अल्लाह की इबादत करते हैं, क्योंकि इस दिन कई नबियों की दुआएं कबूल हुई थीं।

10 muharram ko kya hua tha

islamic history के अनुसार, 10 मुहर्रम को कई महत्वपूर्ण घटनाएँ हुईं, जो निम्नलिखित हैं:

  • हजरत इमाम हुसैन की शहादत (कर्बला की जंग): 61 हिजरी (लगभग 680 ईस्वी) में, हजरत इमाम हुसैन (रजि.), जो पैगंबर हजरत मुहम्मद (सल्ल.) के नवासे थे, इराक के कर्बला में यजीद की सेना के खिलाफ सत्य की लड़ाई लड़े। 10 मुहर्रम को, इमाम हुसैन और उनके 72 साथियों, जिसमें महिलाएँ और बच्चे भी शामिल थे, को प्यासे और घिरे हुए हालात में शहीद कर दिया गया। यह घटना इस्लामिक इतिहास में एक बड़ी त्रासदी मानी जाती है, जो अन्याय के खिलाफ लड़ाई का प्रतीक है।
  • हजरत आदम (अ.) की तौबा का कबूल होना: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, 10 मुहर्रम को हजरत आदम (अलैहिस्सलाम) की अल्लाह के सामने की गई तौबा स्वीकार की गई थी, जो मानवता के लिए एक आशा का संदेश है।
  • हजरत नूह (अ.) का जहाज का किनारे लगना: कुछ हदीसों में उल्लेख है कि हजरत नूह (अलैहिस्सलाम) का जहाज, जो तूफान से बचकर निकला, 10 मुहर्रम को सुरक्षित किनारे पर पहुँचा था।
  • हजरत मूसा (अ.) की जीत: यह भी माना जाता है कि 10 मुहर्रम को हजरत मूसा (अलैहिस्सलाम) और उनके अनुयायियों ने फिरऔन की सेना से मुक्ति पाई, जब लाल सागर उनके लिए रास्ता बना।
  • हजरत यूनुस (अ.) की निजात: हजरत यूनुस (अलैहिस्सलाम) को मछली के पेट से मुक्ति 10 मुहर्रम को मिली, जो अल्लाह की रहमत का एक उदाहरण है।

10 muharram ko kya hua tha और महत्व

10 मुहर्रम को मनाने की प्रथाएँ समुदाय के अनुसार भिन्न होती हैं। सुन्नी मुसलमान इस दिन रोजा रखते हैं, क्योंकि पैगंबर (सल्ल.) ने इसे अनुशंसित किया था, जिससे पिछले साल के पापों की माफी मिलती है। शिया मुसलमान इस दिन को शोक दिवस के रूप में मनाते हैं, ताजिया निकालते हैं और मातम करते हैं, जो हजरत इमाम हुसैन की शहादत की याद दिलाता है। दोनों ही समुदाय इस दिन को अल्लाह की इबादत और आत्म-चिंतन के लिए उपयोग करते हैं।

इसके अतिरिक्त, इस दिन दान-पुण्य, गरीबों की मदद, और परिवार के लिए उदारता दिखाने की सलाह दी जाती है। कई लोग इस दिन गुस्ल (स्नान) करते हैं और कजर (सुर्खी) का इस्तेमाल करते हैं, जिसे सेहत और सुरक्षा के लिए लाभकारी माना जाता है।

10 muharram ko kya hua tha आखरी बात

10 मुहर्रम हमें सत्य, त्याग, और धैर्य का पाठ सिखाता है। चाहे वह हजरत इमाम हुसैन का बलिदान हो या अन्य नबियों की कठिनाइयों से मुक्ति, यह दिन हमें अल्लाह पर भरोसा और मानवता के प्रति प्रेम का संदेश देता है। जुलाई 2025 में, जब हम इस दिन को याद करते हैं, हमें अपने जीवन में नैतिकता और एकता को बढ़ावा देना चाहिए।

आज हमने देखा 10 muharram ko kya hua tha अगर आपको इस विषय पर और जानकारी चाहिए या कोई प्रश्न हो, तो हमें बताएँ।

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